पिछले कुछ महीनों से देश के हर शहर को “स्मार्ट सिटी” बनाने की बातें हो रही
हैं. मीडिया से पता चलता है की इसके लिए इंडिया के शहरों में एक कांटेस्ट हुआ था
जिसमेसे आखिर १०० शहर चुने गए. इनको अब स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा.
एक सवाल मन में आते हैं: स्मार्ट सिटी है क्या? और जवाब मिलता है: सरकार ने
कुछ पैमाने रखे हैं जिनके आधार पर सिटी को डेवेलोप किया जायेगा.
मान लिया. हम खुशनसीब हैं की हमारा जालंधर भी स्मार्ट सिटी कांटेस्ट में
क्वालीफाई हो गया है और अब स्मार्ट सिटी बनेगा.
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स्मार्ट सिटी
कुछ नहीं, बस एक नया तरीका है भ्रष्टाचार का. अगर हम जालंधर निवासी अपने शहर को
स्मार्ट बनाना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले सत्ता में बैठे इन लोगों से सवाल करना
होगा जो चुनाव पैसे बनाने के लिए लड़ते हैं न की शहर की भलाई के लिए.
पर पंजाब के
हालात में किसी पॉलिटिशियन से सवाल करना शायद आसन नहीं. इसलिये स्मार्ट छोडिये,
जालंधर को सिटी बनाने की ही भगवान से दुआ मांगिये.
उत्तमं कुमार
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