Tuesday, October 27, 2015

ख्वाहिशें- समीक्षा


ख्वाहिशें सोनिका नीति जी का एक काव्य संग्रह है ! सभी कविताएँ जीवन के अलग अलग पहलुओं को छूती हैं ! ज़िन्दगी की सभी भावनाओं को सहलाते हुए बड़े प्यार से सब रिश्तों को समेट लेती हैं !

इंसान के ज़िन्दगी एक बहते पानी की तरह होती है , जो अपने वहाब में कईं रिश्तों को जोड़ते छोड़ते आगे बढती रहती है ! सोनिका जी ने अपनी कविताओं में हर रिश्ते को करीब से छुआ है.. चाहे वोह एक प्रेमी का दीवानापन जो अपने प्रेम को दुनिया से छुपा कर जी रहा है :





  •     दुनिया की निगाहों से छुपा रखा है , हमने मुहब्बत को दिल में बसा रखा है !!


यां एक इंसान की ज़िन्दगी के बारे में हकीकत जानने पर प्रतिक्रिया :
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  •    ज़िन्दगी मसला है बस दो ग़ज ज़मीं का , मिल जाये ग़र तो क्यों फिर कोई आसरा करे !

एक प्रेमी का दर्द, बूड़ी नानी का अकेलापन, पत्नी का पति के सवभाव से समझोता, इन्सान का ज़िन्दगी से संघर्ष करते हुए जीतने का जनून , सब को बखूबी अपनी कलम से पनों में समेटा है !उनकी कविताएँ इतनी सहज हैं के लगता है यह उनकी ज़िन्दगी के किताब है यां यह कहना अतिशयोक्ति ना होगी के नीति इन्हें खुद जी रही हैं !

एक लेखक की खूबी होती है की वोह अपने पाठक को वोह भाव महसूस करवा सके जो उसने खुद लिखते हुए महसूस कियें हैं ! सोनिका जी इस काम में बखूबी सफल रही हैं ! उनकी कृति पड़ते हुए आप हर भाव को महसूस कर सकते हैं !

यह एक ऐसी कृति है जिसे हर उस पाठक को पड़ना चाहिए जो हिंदी साहित्य की गहराई को जानने से पहले महसूस करना चाहता है !


दो शब्द कवित्री के बारे में :
सोनिका ' नीति ' आहूजा ने एक होमियोपैथ के रूप में अपना कैरियर शुरू किया! लेकिन बच्चों की देखभाल करने के लिए उन्होंने अभ्यास छोड़ दिया! वो एक हिंदी कवित्री है। वह अपने विचारों, भावनाओं और सपनों को व्यक्त करने के एक माध्यम के रूप में लिखती हैं! वे एक भावुक लेखक है । ख्वाहिशें के इलावा वो “Soul’s Whispers '  नामक एक पुस्तक की भी लेखिका है।
















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